Thursday, 8 July 2021

श्रीमद् भगवद् गीता :- श्लोक 1 - (Shlok 1)

 श्री भगवानुवाच
इमं विवस्वते योगं प्रोक्तवानहमव्ययम्‌ ।
विवस्वान्मनवे प्राह मनुरिक्ष्वाकवेऽब्रवीत्‌ ॥ 



भावार्थ : श्री भगवान ने कहा - मैंने इस अविनाशी योग-विधा का उपदेश सृष्टि के आरम्भ में विवस्वान (सूर्य देव) को दिया था, विवस्वान ने यह उपदेश अपने पुत्र मनुष्यों के जन्म-दाता मनु को दिया और मनु ने यह उपदेश अपने पुत्र राजा इक्ष्वाकु को दिया। 


No comments:

Post a Comment

श्रीमद् भगवद् गीता :- श्लोक 39 - (Shlok 39)

 श्रद्धावाँल्लभते ज्ञानं तत्परः संयतेन्द्रियः । ज्ञानं लब्धवा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति ॥  भावार्थ : जो मनुष्य पूर्ण श्रद्धावान है और जिसने...