Wednesday, 7 July 2021

श्लोक 11 - (Shlok 11)

 अशोच्यानन्वशोचस्त्वं प्रज्ञावादांश्च भाषसे ।
गतासूनगतासूंश्च नानुशोचन्ति पण्डिताः ॥


भावार्थ : श्री भगवान बोले, हे अर्जुन! तू न शोक करने योग्य मनुष्यों के लिए शोक करता है और पण्डितों के से वचनों को कहता है, परन्तु जिनके प्राण चले गए हैं, उनके लिए और जिनके प्राण नहीं गए हैं उनके लिए भी पण्डितजन शोक नहीं करते॥


Follow Pavitra Bhajan On: 

►Facebook: https://www.facebook.com/pg/PavitraBhajan/

►Instagram: https://www.instagram.com/pavitrabhajan/​

►Twitter: https://twitter.com/bhajanpavitra

►Pinterest: https://in.pinterest.com/pavitrabhajanofficial/

►YouTube: https://www.youtube.com/channel/UCIZ_t3D1pAGxcVXWMaqTHOw

No comments:

Post a Comment

श्रीमद् भगवद् गीता :- श्लोक 39 - (Shlok 39)

 श्रद्धावाँल्लभते ज्ञानं तत्परः संयतेन्द्रियः । ज्ञानं लब्धवा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति ॥  भावार्थ : जो मनुष्य पूर्ण श्रद्धावान है और जिसने...