Tuesday, 6 July 2021

श्लोक 14 - (Shlok 14)

 ततः श्वेतैर्हयैर्युक्ते महति स्यन्दने स्थितौ ।
माधवः पाण्डवश्चैव दिव्यौ शंखौ प्रदध्मतुः ॥


भावार्थ : तत्पश्चात् दूसरी ओर से सफेद घोड़ों से युक्त उत्तम रथ पर आसीन 
योगेश्वर श्रीकृष्ण और अर्जुन ने भी अलौकिक शंख बजाए।

No comments:

Post a Comment

श्रीमद् भगवद् गीता :- श्लोक 39 - (Shlok 39)

 श्रद्धावाँल्लभते ज्ञानं तत्परः संयतेन्द्रियः । ज्ञानं लब्धवा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति ॥  भावार्थ : जो मनुष्य पूर्ण श्रद्धावान है और जिसने...