Wednesday, 14 July 2021

श्रीमद् भगवद् गीता :- श्लोक 16 - (Shlok 16)

 किं कर्म किमकर्मेति कवयोऽप्यत्र मोहिताः ।
तत्ते कर्म प्रवक्ष्यामि यज्ज्ञात्वा मोक्ष्यसेऽशुभात्‌॥ 



भावार्थ : कर्म क्या है और अकर्म क्या है, इस विषय में बडे से बडे बुद्धिमान मनुष्य भी मोहग्रस्त रहते हैं, इसलिए उन कर्म को मैं तुझे भली-भाँति समझा कर कहूँगा, जिसे जानकर तू संसार के कर्म-बंधन से मुक्त हो सकेगा।


No comments:

Post a Comment

श्रीमद् भगवद् गीता :- श्लोक 39 - (Shlok 39)

 श्रद्धावाँल्लभते ज्ञानं तत्परः संयतेन्द्रियः । ज्ञानं लब्धवा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति ॥  भावार्थ : जो मनुष्य पूर्ण श्रद्धावान है और जिसने...