Tuesday, 6 July 2021

श्लोक 19 - (Shlok 19)

 स घोषो धार्तराष्ट्राणां हृदयानि व्यदारयत्‌ ।
नभश्च पृथिवीं चैव तुमुलो व्यनुनादयन्‌ ॥


भावार्थ : उस भयंकर ध्वनि ने आकाश और पृथ्वी को गुंजायमान करते 
हुए धृतराष्ट्र के पुत्रों के हृदय में शोक उत्पन्न कर दिया। 

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श्रीमद् भगवद् गीता :- श्लोक 39 - (Shlok 39)

 श्रद्धावाँल्लभते ज्ञानं तत्परः संयतेन्द्रियः । ज्ञानं लब्धवा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति ॥  भावार्थ : जो मनुष्य पूर्ण श्रद्धावान है और जिसने...