Wednesday, 7 July 2021

श्लोक 21 - (Shlok 21)

 यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जनः ।
स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते ॥ 



भावार्थ : महापुरुष जो-जो आचरण करता है, सामान्य मनुष्य भी उसी का ही अनुसरण करते हैं, वह श्रेष्ठ-पुरुष जो कुछ आदर्श प्रस्तुत कर देता है, समस्त संसार भी उसी का अनुसरण करने लगता है। 



No comments:

Post a Comment

श्रीमद् भगवद् गीता :- श्लोक 39 - (Shlok 39)

 श्रद्धावाँल्लभते ज्ञानं तत्परः संयतेन्द्रियः । ज्ञानं लब्धवा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति ॥  भावार्थ : जो मनुष्य पूर्ण श्रद्धावान है और जिसने...