Monday, 23 August 2021

श्रीमद् भगवद् गीता :- श्लोक 37 - (Shlok 37)

 यथैधांसि समिद्धोऽग्निर्भस्मसात्कुरुतेऽर्जुन ।
ज्ञानाग्निः सर्वकर्माणि भस्मसात्कुरुते तथा ॥



भावार्थ : हे अर्जुन! जिस प्रकार अग्नि ईंधन को जला कर भस्म कर देती है, उसी प्रकार यह ज्ञान-रूपी अग्नि सभी सांसारिक कर्म-फ़लों को जला कर भस्म कर देती है। 


No comments:

Post a Comment

श्रीमद् भगवद् गीता :- श्लोक 39 - (Shlok 39)

 श्रद्धावाँल्लभते ज्ञानं तत्परः संयतेन्द्रियः । ज्ञानं लब्धवा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति ॥  भावार्थ : जो मनुष्य पूर्ण श्रद्धावान है और जिसने...