Wednesday, 7 July 2021

श्लोक 42 - (Shlok 42)

इन्द्रियाणि पराण्याहुरिन्द्रियेभ्यः परं मनः ।
मनसस्तु परा बुद्धिर्यो बुद्धेः परतस्तु सः ॥ 



भावार्थ : हे अर्जुन! इस जड़ पदार्थ शरीर की अपेक्षा इन्द्रियाँ श्रेष्ठ है, इन्द्रियों की अपेक्षा मन श्रेष्ठ है, मन की अपेक्षा बुद्धि श्रेष्ठ है और जो बुद्धि से भी श्रेष्ठ है तू वही सर्वश्रेष्ठ शुद्ध स्वरूप आत्मा है। 


No comments:

Post a Comment

श्रीमद् भगवद् गीता :- श्लोक 39 - (Shlok 39)

 श्रद्धावाँल्लभते ज्ञानं तत्परः संयतेन्द्रियः । ज्ञानं लब्धवा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति ॥  भावार्थ : जो मनुष्य पूर्ण श्रद्धावान है और जिसने...