Tuesday, 6 July 2021

श्लोक 6 - (Shlok 6)

 न चैतद्विद्मः कतरन्नो गरीयो-यद्वा जयेम यदि वा नो जयेयुः ।
यानेव हत्वा न जिजीविषाम-स्तेऽवस्थिताः प्रमुखे धार्तराष्ट्राः ॥


भावार्थ : हम यह भी नहीं जानते कि हमारे लिए युद्ध करना और न करना- इन दोनों में से कौन-सा श्रेष्ठ है, अथवा यह भी नहीं जानते कि उन्हें हम जीतेंगे या हमको वे जीतेंगे। और जिनको मारकर हम जीना भी नहीं चाहते, वे ही हमारे आत्मीय धृतराष्ट्र के पुत्र हमारे मुकाबले में खड़े हैं॥


Follow Pavitra Bhajan On: 

►Facebook: https://www.facebook.com/pg/PavitraBhajan/

►Instagram: https://www.instagram.com/pavitrabhajan/​

►Twitter: https://twitter.com/bhajanpavitra

►Pinterest: https://in.pinterest.com/pavitrabhajanofficial/

►YouTube: https://www.youtube.com/channel/UCIZ_t3D1pAGxcVXWMaqTHOw

No comments:

Post a Comment

श्रीमद् भगवद् गीता :- श्लोक 39 - (Shlok 39)

 श्रद्धावाँल्लभते ज्ञानं तत्परः संयतेन्द्रियः । ज्ञानं लब्धवा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति ॥  भावार्थ : जो मनुष्य पूर्ण श्रद्धावान है और जिसने...